थामा था जिन्होंने तुम्हारा नन्हा हाथ- उन कांपते हाथों को हिम्मत ज़रूरी है। थामा था जिन्होंने तुम्हारा नन्हा हाथ- उन कांपते हाथों को हिम्मत ज़रूरी है।
हो सकता है तुम्हें मेरी मजबूरी हो मालूम.....मगर शायद। हो सकता है तुम्हें मेरी मजबूरी हो मालूम.....मगर शायद।
मेरा तो जीने में दम घुटता है मेरा सवाल है कि मरने से क्या होगा...!! मेरा तो जीने में दम घुटता है मेरा सवाल है कि मरने से क्या होगा...!!